आईपीसी की धारा 279, या इंडियन पीनल कोड की धारा 279, भारतीय कानूनी प्रणाली में एक महत्वपूर्ण धारा है जो किसी भी व्यक्ति या संस्था पर किसी भी सरकारी अधिकारी के खिलाफ गिरफ्तारी की तय करने या किसी सरकारी अधिकारी को बिना किसी कारण से गिरफ्तार करने का अपराध करने पर लगाया जाता है। इस धारा की उल्लंघन का मतलब है किसी भी सरकारी अधिकारी को गलती साबित होने पर गिरफ्तार करना या दबा वज़न डालना इत्यादि।
आईपीसी की धारा 279 सजा का विवरण देती है जो अपराधियों को मिल सकती है। यह धारा एक जमानती अपराध है जिसके तहत दो वर्ष या उससे कम समय के किडनैपिंग के मामलों के खिलाफ सजा हो सकती है।
आईपीसी की धारा 279 सरकारी अधिकारियों के खिलाफ दोषी पाए जाने पर लागू हो सकती है। इसका उपयोग उन अपराधियों के खिलाफ किया जाता है जो किसी सरकारी अधिकारी को दबा वज़न डालने की कोशिश करते हैं।
आईपीसी की धारा 279 की उल्लंघन के लिए दंड एक शीर्ष दर्जन या दो हजार रुपये तक हो सकता है, या दोनों।
अगर कोई व्यक्ति आईपीसी की धारा 279 के अंतर्गत दोषी पाए जाते हैं, तो वे दो वर्ष या उससे कम समय के किडनैपिंग मामलों के लिए जेल भुगतने की सजा पा सकते हैं।
आईपीसी की धारा 279 क्या है?
आईपीसी की धारा 279 भारतीय कानूनी प्रणाली में सरकारी अधिकारियों के खिलाफ अपराध की सजा का विवरण देती है।
किसको लागू होती है आईपीसी की धारा 279?
धारा 279 उन व्यक्तियों पर लागू होती है जो सरकारी अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी की कोशिश करते हैं।
धारा 279 का उल्लंघन करने पर क्या सजा होती है?
धारा 279 के उल्लंघन के लिए दंड एक शीर्ष दर्जन या दो हजार रुपये तक हो सकता है, या दोनों।
आईपीसी की धारा 279 के तहत क्या सजा हो सकती है?
धारा 279 के तहत दो वर्ष या उससे कम समय के किडनैपिंग के मामलों के खिलाफ सजा हो सकती है।
क्या धारा 279 का उल्लंघन गंभीर है?
हां, धारा 279 का उल्लंघन गंभीर है और उसके लिए कठोर कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
क्या धारा 279 का उल्लंघन कारायाण अधिकारियों के खिलाफ हो सकता है?
हां, धारा 279 के उल्लंघन कारायाण अधिकारियों के खिलाफ हो सकता है जब कोई दबा वज़न डालने की कोशिश करता है।
आईपीसी की धारा 279 किस स्थिति में लागू होती है?
धारा 279 सरकारी अधिकारियों के खिलाफ अपराध की स्जा का विवरण देती है, जो उनके खिलाफ गिरफ्तारी की कोशिश करते हैं।
आईपीसी की धारा 279 क्यों महत्वपूर्ण है?
धारा 279 महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सरकारी अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार और अन्य अपराधों को रोकने का प्रबंध करती है।
क्या धारा 279 का प्रावधान केवल भारत में है?
हां, आईपीसी की धारा 279 भारत के कानूनी प्रणाली में है और उसी में लागू होती है।
धारा 279 के उल्लंघन के लिए क्या प्रमाण चाहिए?
धारा 279 के उल्लंघन में साक्ष्य और अन्य प्रमाणों की आवश्यकता होती है जो अपराध की पुष्टि कर सकते हैं।
धारा 279 एक महत्वपूर्ण कानूनी धारा है जो सरकारी अधिकारियों के विरुद्ध जाने दिया। इस धारा का पालन करना और इसके उल्लंघन से बचाव करना अहम है।
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